पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में चल रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया पर अपना दबदबा कायम कर लिया है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया 534 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए महज 12 रन पर अपने तीन विकेट गंवा चुकी थी। पूरे मैच में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों और गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया।
तीसरे दिन का खेल भारतीय बल्लेबाजों के शानदार प्रदर्शन के लिए यादगार बन गया। यशस्वी जायसवाल और विराट कोहली ने टीम के लिए शानदार शतक जमाए। खासतौर पर कोहली ने लंबे समय से टेस्ट क्रिकेट में बड़ी पारी खेलने की आलोचनाओं का जवाब देते हुए अपने करियर का 30वां टेस्ट शतक ठोका।
कोहली का रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन
विराट कोहली ने अपनी पारी की शुरुआत दूसरे सत्र में की, जब भारत पहले से ही मजबूत स्थिति में था। उन्होंने शुरुआत में संभलकर बल्लेबाजी की और जैसे ही पिच पर जम गए, उन्होंने रनों की रफ्तार बढ़ा दी। वाशिंगटन सुंदर और नीतीश रेड्डी ने कोहली का बेहतरीन साथ दिया, और ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को पूरी तरह बैकफुट पर ला दिया।
कोहली ने 143 गेंदों पर 100 रनों की नाबाद पारी खेली, जिसमें 8 चौके और 2 छक्के शामिल थे। इस शानदार प्रदर्शन के साथ कोहली ने इंटरनेशनल क्रिकेट में टेस्ट और वनडे दोनों में 30 या उससे अधिक शतक लगाने वाले तीसरे खिलाड़ी बनने का कीर्तिमान स्थापित किया। उनसे पहले केवल सचिन तेंदुलकर और रिकी पोंटिंग ही यह उपलब्धि हासिल कर सके हैं।
30 या उससे अधिक शतक वाले दिग्गज खिलाड़ी
सचिन तेंदुलकर, रिकी पोंटिंग और विराट कोहली, ये तीन खिलाड़ी ऐसे हैं जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट के दोनों प्रमुख फॉर्मेट – टेस्ट और वनडे – में 30 या उससे अधिक शतक बनाए हैं। सचिन तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में 51 शतक और वनडे क्रिकेट में 49 शतक लगाए हैं, जो इस रिकॉर्ड की मिसाल हैं। रिकी पोंटिंग ने टेस्ट क्रिकेट में 41 शतक और वनडे क्रिकेट में 30 शतक जड़े हैं, जबकि विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में 30 शतक और वनडे क्रिकेट में 50 शतक बनाकर इस सम्मानजनक सूची में अपना नाम दर्ज किया। विराट कोहली, सचिन और पोंटिंग के बाद तीसरे क्रिकेटर बने हैं जिन्होंने इस खास रिकॉर्ड को हासिल किया, जो उनके क्रिकेट करियर की महानता को और भी प्रमाणित करता है। यह उपलब्धि इन खिलाड़ियों की निरंतरता, कौशल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके शानदार योगदान को दर्शाती है।
मैच का हाल
कोहली और जायसवाल की शानदार पारियों ने भारत को पर्थ टेस्ट में ऐसी स्थिति में ला खड़ा किया है, जहां से जीत लगभग तय लग रही है। कोहली की यह पारी न सिर्फ उनके आलोचकों को जवाब है, बल्कि यह दिखाती है कि वह बड़े मैचों में अपने अनुभव और खेल से टीम को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।