पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में चल रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच के शुरुआती दो दिनों का खेल बेहद दिलचस्प रहा। पहले दिन गेंदबाजों का जलवा देखने को मिला, जहां कुल 17 विकेट गिरे, जबकि दूसरे दिन सिर्फ तीन विकेट गिरे।
पहली पारी का संघर्ष और गेंदबाजों का धमाल
टीम इंडिया की पहली पारी में बल्लेबाजों ने निराश किया, और पूरी टीम महज 150 रनों पर सिमट गई। हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने जोरदार वापसी की और ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी को 104 रनों पर समेट दिया। इस शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन के दम पर भारत को पहली पारी में 46 रनों की अहम बढ़त मिली।
दूसरी पारी में मजबूत शुरुआत
दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने बिना कोई विकेट गंवाए 172 रन बना लिए थे, और कुल बढ़त को 218 रनों तक पहुंचा दिया। ओपनर यशस्वी जायसवाल (90) और केएल राहुल (62) क्रीज पर डटे हुए थे।
इतिहास में तीसरी बार 150 या उससे कम पर बढ़त हासिल
भारत ने इस मैच में एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल की। यह तीसरी बार हुआ है कि भारतीय टीम पहली पारी में 150 या उससे कम स्कोर पर ऑलआउट होने के बावजूद बढ़त लेने में सफल रही।
- 1936 में लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ भारत ने 147 रन बनाए थे और फिर 13 रनों की बढ़त ली थी।
- 2002 में हेमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत 99 रन पर सिमट गया था, लेकिन 5 रनों की बढ़त लेने में कामयाब रहा।
- और अब पर्थ में, 150 रनों पर सिमटने के बावजूद 46 रनों की बढ़त हासिल की।
तीसरे दिन का पहला सत्र होगा निर्णायक
दूसरे दिन के तीनों सत्रों में भारत ने अपना दबदबा बनाए रखा, जिससे टीम की स्थिति बेहद मजबूत हो गई है। हालांकि, तीसरे दिन का पहला सत्र मैच का रुख तय कर सकता है। यदि भारतीय बल्लेबाज इसी लय में खेलते रहे, तो ऑस्ट्रेलिया के लिए वापसी करना मुश्किल हो जाएगा। भारतीय प्रशंसकों की निगाहें अब जायसवाल और राहुल की साझेदारी पर टिकी हैं, जो टीम को एक विशाल बढ़त की ओर ले जा सकते हैं।